रायपुर, 15 अप्रैल 2025 : महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े आज बालोद जिले के प्रवास पर रहीं, जहाँ उन्होंने जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों, आश्रय गृहों और महिला सहायता केंद्रों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का सूक्ष्म मूल्यांकन किया।
आंगनबाड़ियों में मातृ-शिशु पोषण, स्वच्छता और शिक्षण पर सघन नजर
श्रीमती राजवाड़े ने ग्राम पंचायत भरदा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-2 और करकाभाट आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मातृ-शिशु पोषण, साफ-सफाई और बच्चों की गतिविधियों की गहन समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने पाया कि कुछ स्थानों पर व्यवस्थाएं संतोषजनक नहीं थीं, जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “बाल विकास हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है, क्योंकि सशक्त बचपन ही सशक्त भारत की नींव है।”
घरौंदा आश्रम गृह एवं प्रशामक देखरेख गृह का सूक्ष्म निरीक्षण
बालोद प्रवास के दौरान मंत्री राजवाड़े ने घरौंदा आश्रम गृह और प्रशामक देखरेख गृह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां की संस्थागत व्यवस्थाओं का सूक्ष्म अवलोकन करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी खामियों को शीघ्र दूर कर संचालन को मानकों के अनुरूप बनाया जाए। उन्होंने दोहराया कि “जनकल्याण से जुड़े संस्थानों में कोई भी लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।”
“सखी वन स्टॉप सेंटर” बना पीड़ित महिलाओं का सहारा
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने ग्राम पंचायत झलमला स्थित “सखी वन स्टॉप सेंटर” का भी दौरा किया।उन्होंने केंद्र में पीड़ित महिलाओं को दी जा रही सहायता सेवाओं, परामर्श, संरक्षण और सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने इस पहल को “न्याय और सुरक्षा की दिशा में सशक्त कदम” बताया।
गंगा मईया मंदिर में की पूजा, मांगी प्रदेशवासियों की समृद्धि की कामना
श्रीमती राजवाड़े झलमला स्थित पूज्य गंगा मईया मंदिर पहुँचीं, जहां उन्होंने मां गंगा के चरणों में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।उन्होंने कहा, “आस्था से ऊर्जा और सेवा से संकल्प, यही हमारे कार्य का मूल आधार है।”
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, संचालक श्री जनमेजय महोबे सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।