बालको ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्बन न्यूट्रैलिटी और वॉटर पॉजिटीविटी संकल्प को दोहराया

बालकोनगर: वेदांता समूह की इकाई भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। कंपनी ने मिक्स रिन्यूबल एनर्जी के उपयोग, जल संरचनाओं के पुनरुद्धार और वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह कंपनी के वर्ष 2030 तक ‘नेट वाटर पॉजिटिविटी’ और 2050 तक ‘नेट ज़ीरो कार्बन एमिशन’ प्राप्त करने के लक्ष्य के अनुरूप हैं।

बालको ने अपने प्रचालन में मिक्स रिन्यूबल एनर्जी का उपयोग बढ़ाया है, जिससे वित्तवर्ष 2025 में 1.6 लाख टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है। एनर्जी एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए कंपनी ने अपने पॉटलाइन में एक उन्नत रीलाइनिंग डिज़ाइन को अपनाया है, जिससे प्रति मीट्रिक टन उत्पादन में 400 किलोवाट-घंटे तक ऊर्जा की बचत हुई है। इसके साथ ही लॉजिस्टिक्स में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देते हुए कच्चे माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही को अधिक कुशलता से प्रबंधित किया गया, जिससे उत्सर्जन में और कमी आई है।

जल संरक्षण के क्षेत्र में बालको ने 5.20 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक जल का पुनर्चक्रण किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी ने अपने आसपास के समुदाय में 28 जल संरचनाओं जैसे कि फार्म तालाब और सामुदायिक जलाशय का पुनरुद्धार किया, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 39,000 घन मीटर से अधिक है, जिससे भूजल में वृद्धि और कृषि को सहायता मिली है।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी हमारी विकास नीति के केंद्र में है। पर्यावरणीय नेतृत्व, रिन्यूबल एनर्जी और सामुदायिक विकास के क्षेत्रों में हमारी केंद्रित पहल के माध्यम से हम एक लचीली पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने की दिशा में कार्यरत हैं, जो सर्कुलर इकोनॉमी और औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी करे।

बालको ने ‘ट्रांसफॉर्मिंग द प्लेनेट’ संकल्प के तहत संचालन क्षेत्रों को ऐश-फ्री बनाए रखने के साथ-साथ फ्लाई ऐश का उपयोग ईंट व सीमेंट निर्माण, अधोसंरचना विकास, सड़क निर्माण और खदानों की भराई सहित कई क्षेत्रों में सफलतापूर्वक किया है।

वित्तीय वर्ष 2025 में अपने पर्यावरणीय दायित्व को और मजबूत करते हुए, बालको ने कई प्रमुख सस्टेनेबिलिटी विकास पहल को अपनाया है। इनमें संयंत्र परिसर में प्लास्टिक-मुक्त क्षेत्र का विकास, कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए प्रोत्साहन स्वरूप सब्सिडी, स्थानीय जैव विविधता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नेचर वॉक और स्वच्छता अभियान का आयोजन शामिल है।

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