
रायपुर 16 जून 2025 : कोंडागांव नगर के नागरिकों को जल्द ही कोसारटेडा बांध से मिलने वाला शुद्ध और सुरक्षित पेयजल नल के माध्यम से सीधे उनके घरों तक पहुंचेगा। भारत सरकार की मिशन अमृत 2.0 योजना के तहत कोंडागांव में 102 करोड़ रुपये की लागत से जल प्रदाय योजना तेज़ी से आकार ले रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का 33 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है और आगामी डेढ़ से दो वर्षों के भीतर इसे पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस योजना के तहत कोसारटेडा बांध, जो कि नगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है, से जल लाकर उसे 9 एमएलडी क्षमता के आधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध किया जाएगा। इसके पश्चात यह जल नगर में मौजूद पांच मौजूदा पानी टंकियों और निर्माणाधीन दो नई ओवरहेड टंकियों के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाया जाएगा।
बांधापारा और फॉरेस्ट कॉलोनी में बन रही हैं नई टंकियां
शहर में दो नई पानी टंकियों का निर्माण भी जोरों पर है। इनमें से एक बांधापारा में 555 किलोलीटर और दूसरी फॉरेस्ट कॉलोनी के पास 810 किलोलीटर की क्षमता वाली है। इन टंकियों के माध्यम से कोंडागांव की लगभग 40 हजार की जनसंख्या में से 9 हजार घरों को प्रत्यक्ष रूप से पेयजल आपूर्ति से जोड़ा जाएगा।
व्यापक नेटवर्क से हर घर पहुंचेगा जल
पेयजल की निर्बाध आपूर्ति के लिए 24 किलोमीटर लंबी रॉ-वॉटर पाइपलाइन और लगभग 11 किलोमीटर की क्लियर-वॉटर पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इसके साथ ही 143 किलोमीटर लंबी वितरण पाइपलाइन (डिस्ट्रिब्यूशन लाइन) से प्रत्येक घर को नल कनेक्शन से जोड़ा जाएगा।
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि निर्माण एजेंसी योजना के निर्माण के बाद पांच वर्षों तक संचालन और संधारण (ओएंडएम) की भी जिम्मेदारी निभाएगी, जिससे नागरिकों को सतत और गुणवत्ता युक्त जल सेवा उपलब्ध रहेगी।
बेहतर जीवन की दिशा में एक कदम
कोंडागांव में मिशन अमृत 2.0 के तहत संचालित यह परियोजना केवल बुनियादी ढांचे के विकास का ही नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का भी प्रतीक है। स्वच्छ पेयजल स्वास्थ्य, स्वच्छता और समग्र जीवन गुणवत्ता के लिए अत्यंत आवश्यक है, और यह परियोजना इन सभी पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
यह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि किस तरह दूरस्थ और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी बुनियादी नागरिक सुविधाएं सुलभ कराई जा रही हैं। मिशन अमृत 2.0 के माध्यम से राज्य में शहरी विकास की नई इबारत लिखी जा रही है।